वो अक्सर घर में सूट सलवार और कुर्ता-पजामी या पजामा पहनती है। जिसमें उसकी बाहर को निकली हुई गांड मुझमें बहुत हवस जगाती थी।<br>एक दिन ऐसा हुआ कि मा किचन में खाना बना रही थी।<br>मैं बाहर मार्केट से जब वापस आया तो पानी पीने के लिए किचन में गया और जानबूझ कर माँ के पीछे खड़ा होकर पूछने लगा- माँ क्या बना रही हो तुम?<br>उस समय वो कुर्ता पजामा पहने खड़ी थी।<br>मैं थोड़ा आगे को खिसका तो मेरा लंड माँ की गान्ड से टच हो गया।<br>इससे एकदम से लन्ड तनाव में आ गया और माँ को भी महसूस हुआ।<br>वो एकदम से वह वहां से दूर होकर चली गई लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं बोला।<br>उस दिन के बाद से मेरा भी हौंसला बढ़ने लगा और मैं अक्सर उनकी बॉडी को टच करने का मौका देखता रहता।<br>ऐसे करते करते दो महीने निकल गए और मेरी हवस बढ़ती जा रही थी।
वो अक्सर घर में सूट सलवार और कुर्ता-पजामी या पजामा पहनती है। जिसमें उसकी बाहर को निकली हुई गांड मुझमें बहुत हवस जगाती थी।<br>एक दिन ऐसा हुआ कि मा किचन में खाना बना रही थी।<br>मैं बाहर मार्केट से जब वापस आया तो पानी पीने के लिए किचन में गया और जानबूझ कर माँ के पीछे खड़ा होकर पूछने लगा- माँ क्या बना रही हो तुम?<br>उस समय वो कुर्ता पजामा पहने खड़ी थी।<br>मैं थोड़ा आगे को खिसका तो मेरा लंड माँ की गान्ड से टच हो गया।<br>इससे एकदम से लन्ड तनाव में आ गया और माँ को भी महसूस हुआ।<br>वो एकदम से वह वहां से दूर होकर चली गई लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं बोला।<br>उस दिन के बाद से मेरा भी हौंसला बढ़ने लगा और मैं अक्सर उनकी बॉडी को टच करने का मौका देखता रहता।<br>ऐसे करते करते दो महीने निकल गए और मेरी हवस बढ़ती जा रही थी।
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